जानें सच, पिछले तीन सालों में एक भी एम्स नहीं खुला
सेहतराग टीम
केंद्र सरकार लगातार ये दावे कर रही है कि उसने पिछली सरकारों के मुकाबले कहीं ज्यादा एम्स खोलने की योजना बनाई है और इनपर काम भी हो रहा है मगर असलियत ये है कि इस सरकार ने पिछले तीन साल में एक भी नया एम्स नहीं शुरू किया है। जिन एम्स की पहले घोषणा हो चुकी है उनमें से भी कई आधे-अधूरे पड़े हैं। कई में ओपीडी सेवा शुरू हुई है मगर एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई है। ये सारी असलियत खुद केंद्र सरकार ने संसद में बताई है।
सरकार ने माना कि बीते तीन वर्षों के दौरान कोई नया एम्स नहीं खोला गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के विभिन्न स्थानों पर 21 नए एम्स स्थापित करने की मंजूरी दी थी। इनमें से पटना (बिहार), रायपुर (छत्तीसगढ़), भोपाल (मध्यप्रदेश), भुवनेश्वर (ओडिशा), जोधपुर (राजस्थान) और ऋषिकेश (उत्तराखंड) में छह नए एम्स का परिचालन शुरू किया जा चुका है।
चौबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रायबरेली और गोरखपुर तथा आंध्र प्रदेश के मंगलापुरी में एम्स में 2018-19 से ओपीडी सेवाएं शुरू कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि मंगलापुरी और नागपुर में नए एम्स में एमबीबीएस बैच अकादमिक सत्र 2018-19 से शुरू किया गया था। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत समय सीमा के अनुसार, नए एम्स का काम तेजी से पूरा करने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
Comments (0)
Facebook Comments (0)